Friday, March 31, 2006

Sher-O-Shayari

जिन्दगी

ऐ जिन्दगी तेरी आरज़ू मे, हमने खुदको मिटा दिया
ऐ जिन्दगी तेरी आरज़ू मे, हमने लहू बहा दिया
ऐ जिन्दगी हमे तुझसे ये उंमीद न थी
तुने हमारी ही आरज़ूऒं को उस लहू मे बहा दिया

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