Wednesday, March 29, 2006

मंजिल

इन रास्तों पर चलना तू कब सिखेगा
जब जिदंगी कि राह हैं इतनी बडी
इन तन्हाईयों से तू कब निकलेगा
जब महफ़िल हैं आज इतनी बडी

ऎ मेरे दोस्त, उस मंजिल को देख
उसे पाने के सपनो को देख
फिर एक दिन आयेगा ज़रुर
जब महफ़िल भी तेरी, और मंजिल भी तेरी

इन वक्ख्त के अंधेरों को
तुझे अपने फासलों से मिटाना हैं
इन चार दिवारी को लांघ कर
तुझे दूर दूर तक जाना हैं

उस मंजिल को देख कर
तुझे आज कदम बढा़ना हैं
राह कितनी भी बडी हो
पर तुझे चलते जाना हैं

हर कदम कि ठोकरों पर
तुझे संभलते जाना हैं
और उन ठोकरों से सिखकर
तुझे बढ़ते जाना हैं

ये जिदंगी कि महफ़िल है दोस्त
कोई रास्ते का तमाशा नहीं
ये ख्वाईशों का सागर हैं
जिसका कोई किनारा नहीं

उस मंजिल कि ख्वाईश को लेकर
तुझे आज तैरते जाना हैं
उन आसमा सी लहरों को
तुझे चिरते जाना हैं

फिर एक दिन आयेगा ज़रुर
जब एक हसीन नजा़रा होगा
एक किनारे पे तेरा खुशियों
से भरा आशियाना होगा

फिर उस शाम तेरे अफ़सानो से
भरी होगी महफ़िल तेरी
फिर उस शाम तेरे आशियाने
मे खडी होगी मंजिल तेरी

अब ऐ मेरे दोस्त मुड के देख
जिदंगी कि राह को थोडा उठ के देख
जिदंगी कि राह है बहुत छोटी
पर इन फासलों कि कश्मकश
मे लगती है बहुत मोटी

इन फासलों कि कश्मकश
को तुझे मिटाना हैं
इस जिदंगी कि महफ़िल मे
रफ़तार से तुझे जाना हैं

ऎ मेरे दोस्त, उस मंजिल को देख
उसे पाने के सपनो कि महफ़िल को देख
फिर एक दिन आयेगा ज़रुर
जब ये महफ़िल भी तेरी, और मंजिल भी तेरी

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In our life we always want to reach to our manzil. We always want to fulfill our dreams.This poem also talks about a way to reach to your manzil. It tells you that you should always think about your dreams.But only dreaming won't help you, you have to work hard for that, you have to learn from your mistakes. And then one day will come, when you will achieve that success. At that time when you look back to your journey, you will discover that the path to this destiny was very small. But due to this all "Kashma-kash" of life it looks very big. So you always have to take the right decision -at the right time -at the right place, so that you can reach to your destiny as soon as possible. So my friends think about your manzil, dream about your manzil. And one day will come when you will also reach to your manzil..

1 comment:

Chinmay 'भारद्वाज' said...

बहुत अछे । बहुत अछे ।