Sunday, February 07, 2010

जिस गली से गुज़रे हम.....

जिस गली से गुज़रे हम, उस मोड़ पे उनसे मुलाकात हो गयी
कहना चाहते थे हम तो बहुत, पर नज़रो नज़रो मे ही बात हो गयी...
धड़कने बढ़ी तो थी बहुत, और दो दिलो मे भी वो आवाज़ हुई
लब्ज़ तो निकले थे उन होटो पे, पर फिर भी नज़रो से ही बात हुई ....

जिस गली से गुज़रे
हम, उस मोड़ पे उनसे मुलाकात हो गयी....

एक चमक थी उनकी आँखों मे, एक मासूमियत थी उनके चेहरे पे
भीड़-भड़क के की उस राह मे, एक नज़ाकत थी उनके चलने मे
हमे देख उनके चेहरे की हवाएँ
तो उड़ी उड़ी सी थी...
हमे देख उनके चेहरे की हवाएँ
तो उड़ी उड़ी सी थी...
शायद इस मोड़ पर कभी हम ऐसे मिल जाएंगे, इसकी उन्हें उम्मीद न थी...

जिस गली से गुज़रे
हम, उस मोड़ पे उनसे मुलाकात हो गयी....

शायद वख्त का वो तकाज़ा था, या हालात की मज़बूरी थी
जिस गली मे था घर उनका, वहीं हमारे दोस्त की हवेली थी
हम तो उसे ढूंडते, आये थे उसी मोड़ पर..
हम तो उसे ढूंडते, आये थे उसी मोड़ पर..
हमे न मालूम था की, वहीं वो भी अकेली थी....

जिस गली से गुज़रे
हम, उस मोड़ पे उनसे मुलाकात हो गयी....

क्या आज फिर भी खफ़ा है वो, हमसे हुई उस नादानी पे ?
क्या आज भी उठता है वो सवाल, हमारी इस कहानी पे ...
ज़िन्दगी की इस राह मे हमने गलियां तक बदल दी
ज़िन्दगी की इस राह मे हमने गलियां तक बदल दी
फिर भी मुलाकात हो जाती है, किसी मोड़ किसी सरेराह पे...

जिस गली से गुज़रे
हम, उस मोड़ पे उनसे मुलाकात हो गयी....
कहना चाहते थे हम तो बहुत, पर नज़रो नज़रो मे ही बात हो गयी...

After a long time written something very senti :) and it feels good to be back in hindi ;-)

I hope you guys will like it...your comments are expected....

-Shri...

Monday, February 01, 2010

Sorry Guys... I have moved my Marathi posts to my marathi blog... http://shabdmajhe.wordpress.com

Sarang,Chinmay,Animesh,swapna thanks a lot for your comments. I have placed those in my comments section of that blog...

-Shri...