Wednesday, April 26, 2006

क्या ऐसा भी होता है ??

हमने उनसे किया था अपने प्यार का इज़हार
सुनाया था उन्हे, अपने दिल का हाल बार बार
उस पर उन्होनें किया ना एक पल का भी इंतजा़र
हाय!! वो उनका थप्पड़, हमे अभी भी याद़ आता है मेरे यार :-(
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हां भाई ऐसा भी होता है...
मेरे कई दोस्तों कि Tragedy
मैनें अपनी इस Comedy मे बयान कि हैं..
I hope this can atleast bring SMILE on their face..;-)

Monday, April 24, 2006

मेरी खामोशी

मेरी खामोशी को लोग क्यूँ इतना गलत समझते हैं
और इस बात पर हरदम ही नाराज़ रहते हैं
पर मेरे दोस्तों, हर बात लब्जो़ मे बयान नहीं होती
हम आज भी आपकी उतनी ही कदर करते हैं
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This sher is for all my frnds ...
Many people think that i am an introvert..but i am not...
its true that i was a little bit shy person during my school and college days.
I really want to break this myth ;-)

Thursday, April 13, 2006

चलते चलते

थक चूका हूँ आज मै, जिन्दगी कि राह चलते चलते
हार चूका हूँ आज मै, इन खामोश गलियारो मे चलते चलते
ऐ खुदा इस जिन्दगी कि राह मे इतना अँधेरा क्यूँ हैं ?
रूक गया हूँ आज मै, उन मंजिलो कि सिढियों को ढूँढते ढूँढते

सिढियाँ तो वही हैं दोस्त, जा फिर ढूँढ उसे चलते चलते
इस राँह से नहीं; तो उस राँह से, पर ढूँढ उसे चलते चलते
पर इतना ज़रूर याँद रखना कि अगर आज रूक गया तू चलते चलते
तो इन सिढियों के फासलें भी बढ़ जायेंगें चलते चलते
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Sometimes in our life we become so helpless that we didn’t want to move Ahead. Due to Many failures we feel that this is the end. But truth is that "IT’S NOT THE FALL THAT KILLS YOU, BUT ITS THE SUDDEN STOP IN THE END".

In the above conversation,When a person asked God --Why that path towards destiny is so dark? It becomes very difficult to find those small steps of success which leads to the destiny. But God replied that my dear friend those steps are still there. And only you have to find them..So try again and again...and also remember, if u stop somewhere then the distances between those small steps will also start increasing. Then it will become more difficult for u to move frm one step to another.

So finally moral of the story, you should never stop...you should always keep moving..and remember that
"Our greatest glory is not in never falling but in rising every time we fall."

Sunday, April 02, 2006

Sher-O-Shayari

तेरी कामियाबी

ऐ मेरे दोस्त, तुझसे मिलने कि आरज़ू मे
हम बैठे थे रात दिन..............
शायद तेरी तन्हाई पर वो खुदा भी मजबूर था
कितनी शिदतो के बाद मिले हैं आज हम
शायद तेरी कामियाबी का जशन् ही उसे मंजूर था